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नमस्कार दोस्तों इस साल का फरवरी महीना कुछ खास है। क्योंकि हर 4 साल बाद आने वाला दिन इस साल आया है। यानी 29 फरवरी यह दिन हर 4 साल बाद लिप वर्ष होता है। हर साल फरवरी महीना 28 तारीख तक ही होता है। लेकिन लीप वर्ष में यह 29 दिनों का होता है। कभी सोचा है कि यह क्यों होता है। इसका क्या कारण क्या है। और यह किसने बनाया है तो चलिए जानते हैं क्या कारण है लीप वर्ष का।
लीप ईयर कैसे पता करे?
हर 4 साल बाद लीप वर्ष आता है। इससे पहले 2020 में लीप वर्ष आया था। अब 2024 के बाद 2028 में लीप ईयर आने वाला है। लीप इयर जननेके कही मेथड है। ज्यासेकि जिस इयर को 4 इस संख्या से भागा जाए तो उसका उत्तर शून्य आए तो वह साल लीप वर्ष होता है। यह मेथड टू लीप वर्ष पहचान के लिए है लेकिन इसके पीछे विज्ञान भी है।
लीप दिन क्यू होता है?
हर 4 साल बाद लीप वर्ष आता है ऐसे ही नहीं आता इसके पीछे विज्ञान है। हमारे सूर्यमाला के कारण 29 फरवरी यह दिन होता है। पृथ्वी को सूर्य का चक्कर काटने के लिए लगभग 365.242 दिन लगते है। साल में 365 दिन होते हैं।
लीप वर्ष का 29 फरवरी यह दिन काफी महत्वपूर्ण है। इस दिन को नजरअंदाज करके नहीं चल सकता। क्योंकि इस दिन की वजह से ही जो सूर्यमाला में कुछ घंटे का फर्क पड़ता है। वह इस दिन की वजह से ठीक हो जाता है। आमतौर पर 1 साल में 365 दिन होते हैं लेकिन लीप वर्ष में 366 दिन होते हैं।
29 फरवरी को ही क्या लीप ईयर मनाया जाता है?
29 फरवरी यह दिन लाइव दिन मनाने का निर्णय ज्यूलियस सीजर ने रोमन कैलेंडर के साथ जोड़ा है। रोमन कैलेंडर में 355 दिन थे, लेकिन वक्त के अनुसार कैलेंडर का बदलाव ऋतु के हिसाब से होने लगा। इस कारण सीजन ने इजिप्शियन कैलेंडर से प्रेरणा लेकर ज्यूलियस कैलेंडर का निर्माण किया। इस में लीप ईयर डाला गया था।
आगे जाकर 1582 में जब ज्यूलियस कैलेंडर को ग्रेगोरियन कैलेंडर में बदला गया। उस वक्त से फरवरी महीने में लीप दिन डालनेकी योजना बनाई गई। पहले फरवरी महीने में 28 या 29 दिन नहीं रहते थे। फरवरी महीना पूरा 30 दोनों का रहता था। लेकिन कैलेंडर में बदलाव होने के बाद इस दिनों में भी बदलाव हो गया।
लीप ईयर नहीं होता तो?
गर्मी के बीच में सर्दी आएगी। साल में 5 घंटे, 46 मिनट और 48 सेकंड की उपेक्षा करना कोई बड़ी बात नहीं है। साल में लगभग 6 घंटे की कटौती जारी रखते हैं, तो लंबे समय में इसका परिणाम देखने को मिलेगा। उदाहरण के लिए, यदि जुलाई एक गर्मी का महीना है। यदि कोई लीप वर्ष नहीं है, तो ये सभी गायब घंटे दिन, सप्ताह और यहां तक कि महीनों में जुड़ जाएंगे, और फिर मौसम में बदलाव पर बहुत अधिक ध्यान नहीं दिया जाएगा। 750 साल बाद जुलाई का महीना ठंडा होने लगेगा यानी गर्मी की जगह सर्दी।
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