Sonam Wangchuk ने काट चीनी घुसपैठियों के खिलाफ 7 अप्रैल को चीनी बॉर्डर पर मार्च का ऐलान किया है। वांगचुक के ऐलान के बाद जिला मजिस्ट्रेट ने धारा 144 लागू की है। उसी के साथ इंटरनेट की सुविधा भी धीमी कर दिए हैं। चार से अधिक लोग एक जगह इकट्ठा नहीं हो सकते ऐसा भी कहा गया है।
इससे पहले भी पिछले महीने ही सोनम वांगचुक 21 दिन तक भूख हड़ताल पर थे। उसके बाद अब वह 7 अप्रैल को मार्च निकालने जा रहे हैं। उन्होंने लोगों को बड़ी संख्या में मौजूद रहने का ऐलान किया है। तो चलिए जानते हैं क्या है पूरी खबर और क्यों निकाला जा रहा है मार्च।
सोनम वांगचुक क्यों निकलेंगे मार्च (Sonam Wangchuk News) :
इंडियन एक्सप्रेस के खबर के मुताबिक सोनम वांगचुक का कहना है कि, एक तरफ वह भारतीय कॉरपोरेट के हाथों अपनी जमीन खो रहे हैं। यह करीब 1.5 लाख वर्ग किलोमीटर चारागाह भूमि है। और दूसरी और चीनी घुसपैठियों के कारण वह अपनी चारागाह जमीन खो रहे हैं। जो कि उत्तर के तरफ से अतिक्रमण कर रहे हैं। पिछले 5 सालों में चीनी घुसपैठियों ने बड़े पैमाने पर जमीन हड़प ली है, ऐसा उनका कहना है।
सोनम वांगचुक ने कहा कि मार्च के दौरान बताएंगे कि चरवाहे पहले कहां तक थी, और अब उनको कहां तक रोका जा रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की वह इस मार्च में जुड़े।
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इसके लिए अनुमति की जरूरी:
आदेश के मुताबिक ले जिला मजिस्ट्री के लिखित आदेश के बिना कोई भी व्यक्ति जुलूस मार्च यार अली नहीं निकल सकता उसी के साथ लाउडस्पीकर के लिए भी जिला मजिस्ट्री की अनुमति की आवश्यकता होती है।
आदेश में यह भी कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति ऐसा बयान नहीं कर सकता जिसके कारण जिले में और शांति निर्माण हो और देंगे जैसे कानूनी समस्या निर्माण हो। जिले में चुनाव के कारण आचार संहिता लागू है।
पुलिस का कहना है कि किसी भी खबर कोई अफवाह को मोबाइल के जरिए फैलाया जा सकता है इस कारण जिले में इंटरनेट की सुविधा धीमी कर दी गई है। उसी के साथ कलम 144 भी लागू की है।
यह सभी आदेश शनिवार शाम 6:00 बजे से लागू होगी और अगले 24 घंटे तक और जारी रहेंगे ऐसा भी कहा गया है।
सोनम वांगचुक नहीं इससे पहले की थी भूख हड़ताल:
सोनम वांगचुक ने पिछले महीने लद्दाख को राज्य का दर्जा मिलने के लिए और छठे शेड्यूल को लागू करने के लिए बीते 6 मार्च को अपना अनशन शुरू किया था। इस अनशन में उनका साथ देने के लिए स्थानिक लोग बड़े पैमाने पर उपस्थित रहे थे। यह अनशन 21 दिन बाद यानी 26 मार्च को रोका गया और उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि उनका आंदोलन आगे भी जारी रहेगा। ऐसा बताया जा रहा है कि जो मार्च निकाला जा रहा है वह इसी आंदोलन का एक भाग है और प्रस्तावित सरकार के विरोध में यह आंदोलन जारी है।
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