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नमस्कार दोस्तों 22 फरवरी को विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है। विश्वकर्मा को इस विश्व का निर्माता माना जाता है। विश्वकर्मा जयंती हिंदू धर्म मे इस जयंती का काफी महत्त्व माना जाता है। पौराणिक कथा के नुसार विश्वकर्मा को भगवान के निर्माता कहा जाता है। क्या की उन्होंने सभी शस्त्र, महादेव भगवान के त्रिशूल को भी बनाया एसा कहा जाता है। चलीय जानते है कैसे की जाती है Vishwakarma Puja.
Vishwakarma Jayanti 2024:
Vishwakarma Jayanti 2024, हिंदू धर्म में भगवान विश्वकर्मा को इस विश्व का निर्माता माना जाता है। उनको भगवान के शिल्पकार माना जाता है। क्योंकि उन्होंने भगवान महादेव की त्रिशूल सोने की लंका, पुष्पक विमान द्वारका उसी के साथ भगवान के वस्त्र इन सभी का निर्माण उन्होंने नहीं किया था। व्यापारी वर्ग में इस पूजा का खूब महत्व है। आज के दिन यानी 22 फरवरी को लोग अपने घरों में दुकान में कारखाना में अपनी शास्त्र की पूजा करते हैं। तो चलिए जानते हैं कैसे की जाती है पूजा।
पौराणिक कथा (Lord Vishwakarma Mythology):
पौराणिक कथा के अनुसार विश्वकर्मा यह वासुदेव और अंगारसी के पुत्र थे। स्कंद पुराण के अनुसार धर्म ऋषि का आठवां पुत्र प्रभास का विवाह देवगुरु बृहस्पति इनकी बहन भवन ब्रह्मवादिनी उनके साथ हुआ था। उसके अनुसार विश्वकर्मा यह भुवन ब्रह्मवादी उनके पुत्र है। विश्वकर्मा इनकी जन्म का उल्लेख महाभारत में किया गया है। उसी के साथ कहा जाता है कि ब्रह्मा जी ने विश्वकर्मा की निर्मित की है।
भगवान विश्वकर्मा ने पृथ्वी पर राजमहल वस्त्र शस्त्र मकान इन सब की निर्मित की है। इसी के साथ उन्होंने इंद्रपुरी, स्वर्ग लोक, द्वारका, हस्तिनापुर, लंका इन सभी का भी निर्माण किया है। उसी के साथ उन्होंने महादेव भगवान के त्रिशूल अन्य देव देवता के वस्त्र का भी निर्माण किया है। जगन्नाथ पुरी का मंदिर और पुष्पक विमान उसी के साथ अन्य बड़े मंदिर का निर्माण और कारण का कर्णफूल का निर्माण विश्वकर्मा ने किया है ऐसा कहा जाता है।
Vishwakarma Puja :
Vishwakarma Puja, विश्वकर्मा जयंती के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त पर उठे और स्नान करें। उसके बाद पूजा के ठिकान पर विश्वकर्मा की मूर्ति या फोटो की स्थापना करें। विश्वकर्मा को पीले अन्यथा सफेद रंग के फूल का हर चढ़ाए। धूप या अगरबत्ती जलाएं और काम में आने वाली सभी वस्तुओं की एक-एक करके पूजा कीजिए। विश्वकर्मा को पंचामेव का प्रसाद कीजिए। उसके बाद हाथ में फूल और अक्षरा लेकर विश्वकर्मा का ध्यान कीजिए। उसी के साथ मंत्र का जाप कीजिए और आखिर में पूजा करके प्रसाद बाट दीजिए।
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ऊपर दी हुई सभी जानकारी धार्मिक ग्रंथो पर आधारित और सामाजिक जानकारी के आधार पर दी गई है। Khabar 20 इस जानकारी की पुष्टि नहीं करता इसलिए संबंधित क्षेत्र की जानकारी रखने वाले का मार्गदर्शन लीजिए धन्यवाद।